बीआरडी के पैथोलॉजी में पीजी की नौ सीटें बढ़ी
बीआरडी मेडिकल कॉलेज के पैथोलॉजी विभाग में पीजी की सीटें तीन गुना बढ़ गई। शुक्रवार को विभाग में नौ नई सीटों की मंजूरी एमसीआई ने दे दी। इसके साथ ही विभाग में पीजी के सीटों की संख्या 12 हो गई।
करीब 1000 बेड वाले बीआरडी मेडिकल कॉलेज में पैथोलॉजी विभाग लंबे समय से उपेक्षित पड़ा हुआ था। तमात संसाधनों के बावजूद विभाग में पीजी की सिर्फ तीन सीटें ही थीं। बीआरडी मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ.गणेश कुमार ने पैथोलॉजी में पीजी सीट बढ़ाने के लिए वर्ष 2018 से प्रयास शुरू किया। उनके साथ विभागाध्यक्ष भी लगी रहीं। इसके लिए पहले शिक्षकों के रिक्त पदों को भरा गया। शिक्षकों के पद भरे जाने के बाद इस वर्ष की शुरुआत में कालेज प्रशासन ने एमसीआई में पीजी कोर्स संचालन के लिए आवेदन किया । करीब एक महीने पहले एमसीआई की टीम ने निरीक्षण किया।
शिक्षा के साथ इलाज में मिलेगी सहूलियत
प्राचार्य ने बताया कि बढ़ी हुई पीजी सीटों पर प्रवेश अगले सत्र में होगा। इससे कालेज में शोध व इलाज को बढ़ावा मिलेगा। वार्डों में डॉक्टरों की कमी दूर होगी। पूर्वांचल वासियों के लिए अस्पतालों में पैथोलॉजिस्टों की कमी एक बड़ा मामला है। गोरखपुर मंडल में देवरिया कुशीनगर और महाराजगंज में के कई अस्पतालों में पैथोलॉजिस्ट के पद खाली हैं। बस्ती मंडल में भी पैथोलॉजिस्ट की दरकार है।
अब तक 22 पीजी सीटों की मिली मंजूरी
शिक्षा सत्र के नजरिए से मेडिकल कालेज का चालू सत्र उपलब्धियों भरा रहा। कालेज में वर्ष 2019 तक पीजी की 65 सीटें थी। बीते वर्ष कालेज ने एमसीआई के समक्ष पीजी की 46 नई सीटों के लिए आवेदन किया। इसमें रेडियोलॉजी और मानसिक रोग विभाग शामिल है। मेडिकल कॉलेज में 24 साल बाद रेडियोलॉजी में पीजी की पढ़ाई शुरू होगी। एमसीआई ने वर्तमान सत्र में ही पीजी की 3 सीटों के लिए मंजूरी दे दी है। इसके साथ ही नेत्र रोग विभाग में पीजी की 3 सीटें थी जो बढ़कर अब 5 सीट कर दी गई है। मानसिक रोग विभाग में पीजी की तीन सीटों के लिए मंजूरी मिली। कालेज प्रशासन को इस सत्र में हड्डी रोग विभाग व फिजियोलॉजी में दो-दो बढ़ी हुई सीटों की मंजूरी मिली। प्राचार्य ने बताया कि अब तक 22 सीटों के लिए एमसीआई से मंजूरी मिल चुकी है। यह एक सत्र में सबसे ज्यादा है। उम्मीद है कि बची हुई 24 सीटों के लिए भी मंजूरी मिल जाएगी।
डेढ़ साल से प्राचार्य कर रहे थे प्रयास
इस दौरान टीम ने रेडियोलोजी विभाग के साथ ही एक्स-रे अल्ट्रासाउंड सीटी स्कैन एमआरआई मशीनों को देखा। इतना ही नहीं टीम ने ब्लड बैंक पैथोलॉजी ओपीडी वार्ड और ट्रामा सेंटर का भी निरीक्षण किया था।
बुधवार को मिली हरी झंडी
एमसीआई की बोर्ड बैठक बुधवार को दिल्ली में हुई । दिल्ली में हुई इस बैठक में बीआरडी के रेडियोलॉजी विभाग के निरीक्षण की रिपोर्ट रखी गई । रिपोर्ट के बाद एमसीआई ने 3 पीजी सीटों के लिए हरी झंडी दे दी। बुधवार को एमसीआई का पत्र मेडिकल कॉलेज को ईमेल के जरिए मिल गया।
फिजियोलॉजी और नेत्र रोग विभाग में भी बढ़ी सीटें
एमसीआई से बीआरडी के नेत्र रोग विभाग और फिजियोलॉजी के लिए भी अच्छी खबर आई है। दोनों विभागों में पीजी की सीट बढ़ गई है । नेत्र रोग विभाग में पीजी की 3 सीटें थी जो बढ़कर अब 5 सीट हो गई। फिजियोलॉजी में एमडी की 2 सीटें थी एमसीआई ने अब से बढ़ाकर 5 कर दिया है। बुधवार को दोनों विभागों की बढ़ी हुई सीटों पर भी मंजूरी मिल गई। इसके अलावा मानसिक रोग विभाग के तीन और आर्थोपेडिक विभाग के बड़े 5 सीटों पर एमसीआई जल्दी रिपोर्ट जारी करेगी ।
बोले प्राचार्य
रेडियोलॉजी में पीजी सीट की जरूरत सिर्फ शिक्षा के नजरिए से नहीं बल्कि मरीजों के इलाज के नजरिए से भी काफी महत्वपूर्ण है। समूचे पूर्वी यूपी में रेडियोलॉजिस्ट आवश्यकता से महज 10 से 15 फ़ीसदी ही है। पीजी की 3 सीटें की मंजूरी मिली है। ऐसे में हर साल मेडिकल कॉलेज से तीन रेडियोलॉजिस्ट मिलेंगे। यह एक बड़ा फैसला है। कॉलेज में 24 साल बाद यह कोर्स दोबारा शुरू होगा ।